जिसका शुभारंभ बुधवार को परिवहन मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला ने रीपा में किया।
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की ओर से आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 17 जनवरी तक मनाया जाएगा।
इस दौरान ओला ने बजट घोषणा में प्रस्तावित रोड सेफ्टी इंस्टिट्यूट का भी शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री बृजेन्द्र ओला ने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में सालाना करीब 22 हजार सड़क दुर्घटनाओं में करीब 10 हजार लोगों की मौतें हो रही है।
सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह विभाग की ओर से काम किया जा रहा है।
ओला ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) सिस्टम बनाकर काम कर रही है।
जिसके तहत यातायात, पुलिस और चिकित्सा स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
साथ ही घायलों का तुरंत इलाज देने के लिए प्रदेश में 100 ट्रॉमा केयर सेंटर तैयार किये जा रहे है।
सड़क दुर्घटनाओं में जयपुर हॉट स्पॉट:
आईआरएडी के अनुसार, प्रदेश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं जयपुर में दर्ज की गई।
बीते साल जयपुर में 7 हजार से अधिक सड़क दुर्घनाएं दर्ज की गई। वहीं करीब 900 लोगों की जान गई है।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में दुर्घटनाओं की मॉनिटरिंग के अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक दुर्घटना शाम 6 से रात 9 के बीच होती है।
साल 2022 में पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या में 19 प्रतिशत एवं मृतकों की संख्या में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
इन दुर्घटनाओं और मौतों को रोकने के लिए जागरूकता और घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिलना जरूरी है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह में ये होंगे काम:
- परिवहन विभाग ने अलग अलग विभागों को जारी किए निर्देश दिए है।
- विद्यालय महाविद्यालय में गठित सड़क सुरक्षा क्लब के सहयोग से सड़क सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करेंगे।
- पोस्टर पेंटिंग स्लोगन सड़क सुरक्षा पर निबंध वाद-विवाद सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित होगी
- चिकित्सा विभाग को राज्य सरकार की सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करना। राजकीय निजी चिकित्साकर्मी को को ट्राईएज प्रशिक्षण देना
- पीडब्लूडी विभाग की ओर से सड़क किनारे पेड़-पौधे, झाडिय़ां अवैध पार्किंग हटाया जाएगा।
- बसावट वाली सड़कों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था करवाना।
- मुख्य मार्गों से मिलने वाली छोटी सड़कों पर स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था करना।
- अवैध कट को बंद करना, अस्पताल के सामने कट खोलना।